Saturday, July 31, 2010

उ.प.में सेल्फ fianance स्कूल और college

आज मै आपको सेल्फ finance स्कूल और कॉलेज की हालत तथा सासन की सहभागिता को पॉइंट तो पॉइंट बताना चाहता हु..........१-सन १९९२ जब कल्याण सिंह की सरकार थी तब उत्तर प्रदेश में नक़ल अध्यादेश लागु किया गया था तब u.p.में highschool का रिजल्ट १४% आया था। २-अगर हम इसके पहले की बात करे तो highschool और इंटर का रिजल्ट काफी अच्छा रहा था। ३-सन १९९४ tak नक़ल अध्यादेश काफी सख्ती से लागु रहा अगर हम सन १९९२ से लेकर १९९४ तक के u.p। बोर्ड के आंकड़ो का अध्यन करे तो इसमें काफी गिराबत देखने को मिलती है ४-१९९२ से पहले से तथा १९९४ के बाद के आंकड़ो का अध्ययन करे तो ये आंकडे काफी बड़े हुए मिलेगे। ३-जरा सोचो इसका कारण क्या है चलो मै आपको इसका कारण बताता हु इन बड़े हुए आंकड़ो का केवल एक ही मतलब है शासन की राजनीती ५- जो teacher पहले पढाते थे वो ही teacher अब पढाते है बल्कि अब तो काफी इसे teacher पढाने लगे है जिन्हें कुछ भी नहीं आता फिर भी रिजल्ट में badotrari हुई है इसका कारण क्या है क्या १९९२ से लेकर १९९४ तक teacher ने पदाया नहीं है क्या .एसा नहीं है ये सब वोट की राजनीती और दिन प्रति दिन खुलते जा रहे सेल्फ finance स्कूल और कॉलेज का खेल है जो छात्रो से मनमानी फीस बसुलते है और जम के नक़ल कराते है शासन इन सब में मोअन बन कर स्वीकृति देता रहता है.

Friday, July 23, 2010

कैसे चलाये जाते है सेल्फ finace स्कूल और college

सेल्फ finace स्कूल और कॉलेज को शिक्षा माफियाओ ने एक धंधा बना लिया है .सेल्फ finace स्कूल में जो juniar तक का होता है उस स्कूल में अध्यापक highscool या इंटर पास रखे जाते है.जिनको वेतन के नाम पर ५००-८०० रूपये प्रति माह प्रदान किये जाते है .इन अध्यापको को पुरे साल में ६मह से ८ तक का वेतन दिया जाता है जबकि छात्रो से आच्छी खासी फीस वसूल की जाती है .उत्तर प्रदेश में सेल्फ finace की हालत तो और भी ख़राब है .यहाँ के ९८% स्कूल और कुलेगे फर्जी कागजो पर चल रहे है .इस सम्बन्ध में साशन सब कुछ जनता है पर कुछ करता नहीं क्योकि इसका सबसे बड़ा कारन यह है की इन शिक्षा माफियाओ की पहुच बहु लम्बी होती है.इन कॉलेज के menagment की पहुच सासन लेबल पर होती है .ये लोग राजनितिक पार्टियो का पैसे और फर्जी वोट डलवाने में अहम् भूमिका अदा करते है.

Wednesday, July 14, 2010

सेल्फ फिनस कॉलेज इन india

भारत के सेल्फ finace कॉलेज की हालत बहुत ही ख़राब है .शासन और univesity लगातार सेल्फ finace कॉलेज को मान्यता देता जा रहा है पर शासन का कोई ध्यान सेल्फ finace कॉलेज की हालत की तरफ नहीं है .सेल्फ finace कॉलेज में अध्यापक के नाम पर b.या M.ए किये हुए अध्यापक होते है जो अच्छी तरह से अध्यापन कार्य को नहीं कर पाते है exam के समय ये अध्यापक जम के छात्रो को नक़ल करते है.इन कॉलेज में university में adhyapk का अनुमोदन तो होता है पर अध्यापक शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं होता इसकी बजह यह होती है की इन अध्यापको के कागजो को खरीद लिया जाता है और उनको साल के हिसाब से पैसा दे दिया जाता है .एक साल का पैसा इन अध्यापको को बीस हजार से पच्चीस हजार तक दिया जाता है अगर ये अध्यापक कॉलेज में padate है तो इन अध्यापको प्रतेक महीने 8 हजार से 12 हजार तक का भुगतान कॉलेज को करना पड़ता है बाकि b.ए. या M.ए. के अध्यापक ५०० से १००० तक asani से mil jaate hai

सेल्फ finace कॉलेज इन india

भारत में सेल्फ finace कॉलेज की संख्या दिन प्रति दिन बदती ही जा रही है .ये चिंता का विषय नहीं है अपितु चिंता का विषय ये है की ये सेल्फ finace कॉलेज विना मानक पुरे किये हुए शिक्षा का व्यापार कर रहे है .भारत में बहुत ही कम कॉलेज इसे होगे जिनका मानक पूरा हो .ये सेल्फ finace कॉलेज शिक्षा का जम के ब्यापार कर रहे है.कानपूर university और बुंदेलखंड university से सम्बद कॉलेज की हालत तो बहुत की ख़राब है .ये कॉलेज शिक्षा के नाम पर जम के छात्रो से धन की उगाही करते है .इन कॉलेज में अनुमोदित shikhhako kena